Madam bhikaji cama history in hindi



[MEMRES-5].

भीखाजी कामा

भीखाजी कामा
Bhikhaji Cama
जन्म 24 सितंबर
बॉम्बे, ब्रिटिश भारत
मौत

13 अगस्त (आयु 74)
बॉम्बे, ब्रिटिश भारत

Father name= sorabji patel

श्रीमती भीखाजी जी रूस्तम कामा (मैडम कामा) (&#;(सुनें)हिन्दुस्तानी उच्चारण:&#;[ː ˈkɑː.mɑː]) (24 सितंबर अगस्त ) भारतीय मूल की पारसी नागरिक थीं जिन्होने लन्दन, जर्मनी तथा अमेरिका का भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में माहौल बनाया। वे जर्मनी के स्टटगार्ट नगर में 22 अगस्त में हुई सातवीं अंतर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट कांग्रेस में भारत का प्रथम तिरंगा राष्ट्रध्वज फहराने के लिए सुविख्यात हैं। उस समय तिरंगा वैसा नहीं था जैसा आज है।[1]


उनके द्वारा पेरिस से प्रकाशित "वन्देमातरम्" पत्र प्रवासी भारतीयों में काफी लोकप्रिय हुआ। में जर्मनी के स्टटगार्ट में हुयी अन्तर्राष्ट्रीय सोशलिस्ट कांग्रेस में मैडम भीकाजी कामा ने कहा कि - ‘‘भारत में ब्रिटिश शासन जारी रहना मानवता के नाम पर कलंक है। एक महान देश भारत के हितों को इससे भारी क्षति पहुँच रही है।’’ उन्होंने लोगों से भारत को दासता से मुक्ति दिलाने में सहयोग की अपील